आपदा में स्वास्थ्य महकमे की फरिश्ते जैसी सेवा

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रिपोर्ट/मुकेश बछेती

पाबौ(पहाड़ खबरसार)जनपद पौड़ी के पाबौ ब्लॉक के बुरांशी, सेंजी, कलगड़ी, मानकोली, फलद्वाड़ी सहित कई गांव हाल ही में आई आपदा की जद में आए हैं, जहां सबसे अधिक जन-धन की हानि दर्ज की गई है। इस आपदा में जनपद के तीन लोगों ने अपनी जान गंवाई, जिनमें बुरांशी गांव की दो सगी बहनें भी शामिल थीं। इन विषम परिस्थितियों में स्वास्थ्य विभाग ने बिना किसी स्वार्थ और भय के, मानवीय संवेदनाओं के साथ, आपदाग्रस्त क्षेत्रों में अपनी सेवाएं देकर एक मिसाल कायम की है।

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पाबौ के प्रभारी डॉक्टर पंकज के नेतृत्व में स्वास्थ्य टीम लगातार आपदा प्रभावित क्षेत्रों में पहुंचकर ग्रामीणों को आवश्यक चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध करा रही है। बुरांशी और सेंजी गांव में टीम ने न केवल प्राथमिक उपचार उपलब्ध कराया, बल्कि अब तक लगभग 70 लोगों का इलाज उनके गांव में ही जाकर किया गया। मार्ग बाधित होने के कारण कई बार दवाओं का आदान-प्रदान भी स्वास्थ्य कर्मियों को पैदल ही करना पड़ा।

बुरांशी में दो सगी बहनों की मृत्यु के मामले में, भूगोल और मौसम की कठिन परिस्थितियों को देखते हुए शवों को अस्पताल ले जाना संभव नहीं था। ऐसे में डॉक्टर मानवेंद्र तिवारी और रोहित रावत ने गांव में ही पोस्टमार्टम कर परिजनों को राहत दी। यह कदम स्वास्थ्य विभाग की तत्परता और संवेदनशीलता को दर्शाता है।

इस दौरान आशा कार्यकर्ता, रविंद्र रावत, आशा रावत, कुसुम, नेहा व अन्य स्वास्थ्य कर्मियों ने भी लगातार प्रभावित क्षेत्रों में मजबूती से अपनी सेवाएं दीं। तो सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पाबौ में डॉक्टरों की टीम के साथ डॉ संजय उनियाल, आशीष रावत,अरुण पोखरियाल, शरद थपलियाल 24 घंटे अलर्ट मोड पर है जो किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए तैयार है। इन सभी ने अपने स्वास्थ्य और सुरक्षा की परवाह किए बिना, आपदा से जूझ रहे लोगों के लिए स्वास्थ्य सेवाओं की निरंतरता बनाए रखी।

इस कठिन समय में स्वास्थ्य महकमे की भूमिका न केवल चिकित्सा सेवा देने की रही, बल्कि ग्रामीणों में भरोसा जगाने और आपदा से उबरने की शक्ति देने की भी रही। इन स्वास्थ्य कर्मियों का यह समर्पण दर्शाता है कि विपरीत परिस्थितियों में भी मानवीय सेवा और कर्तव्यनिष्ठा सबसे बड़ा साहस है।

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