मिसेज़ इंडिया दिवा उत्तराखंड 2024 क्लासिक केटेगिरी में हेमा जोशी ने किया पौड़ी का नाम रोशन

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रिपोर्ट/मुकेश बछेती

पौड़ी// बीते दिनों राजधानी देहरादून में मिस एंड मिसेज़ इंडिया दिवा उत्तराखंड 2024 के ग्रैंड फिनाले का आयोजन किया गया। जिसमें 22 प्रतिभागियों ने रैंप वॉक कर कार्यक्रम में अपनी प्रतिभाओं का प्रदर्शन किया। यह पहला मौका रहा जब उत्तराखंड में यह कार्यक्रम आयोजित हुआ। इसकी खास बात यह रही कि उक्त प्रतियोगिता में मिस एंड मिसेज कैटेगरी की अलग अलग प्रतिभागियों द्वारा एक ही मंच साझा किया गया।

राजधानी की मालसी रोड स्थित फेयरफील्ड मेरियट में आयोजित ब्यूटी विथ ब्रेन्स के मेल को दर्शाती प्रतियोगिता मिस एंड मिसेज़ इंडिया दिवा उत्तराखंड 2024 का आयोजन हुआ। जिसमें 18 से लेकर 40 से अधिक उम्र की कुल 22 प्रतिभागियों ने भाग लिया। कार्यक्रम की शुरुआत होने के साथ ही अलग अलग चरणों मे बेहतरीन रैंप वॉक,जजो के सवालों के सही उत्तर देने व सभी राउंड को जीतने के बाद मिस इंडिया दिवा उत्तराखंड का खिताब लबांशी के नाम रहा। इसी प्रतियोगिता में वंशिका फर्स्ट रनरप, रुचिका सेकेंड रनरप चुनी गई।

मिसेज उत्तराखंड दिवा 2024 का ताज सोनिका शर्मा के सिर पर सजा। मिसेज उत्तराखंड दिवा फर्स्ट रनरप सोनिका पांथरी और सेकेंड रनरप शैली रही। वहीं मिसेज़ इंडिया दिवा उत्तराखंड क्लासिक केटेगिरी में साधना विजेता रही,जबकि पौड़ी निवासी हेमा जोशी को फर्स्ट रनरप व सीमा सेकेंड रनरप चुना गया।

मिस एंड मिसेज़ इंडिया दिवा उत्तराखंड 2024 पीजेंट में तीन कैटेगिरी में प्रतिभागियों की परीक्षा हुई जिसमे मिस कैटेगरी में 18 से 30 आयुवर्ग, मिसेज कैटेगरी में 40 से कम और मिसेज क्लासिक केटेगरी में 40 वर्ष से अधिक आयुवर्ग की प्रतिभगियों को शामिल किया गया था। प्रतियोगिता के तीन राउंड क्रमशः टैलेंट राउंड, स्टेट राउंड और लास्ट इवनिंग गाउन राउंड आयोजित किया गया था। स्टेट राउंड में मॉडल्स ने अलग अलग राज्यों की संस्कृति की झलक पेश की। पीजेंट में दून सहित पौड़ी, उत्तरकाशी, रुड़की, हरिद्वार आदि जगहों से प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।

मिसेज़ इंडिया दिवा उत्तराखंड क्लासिक केटेगिरी में रनरप रही पौड़ी निवासी हेमा जोशी ने कहा ये महिलाओं के लिए आयोजित होने वाली बहुत बेहतरीन प्रतियोगिता रही,प्रतियोगिता में मैदान से लेकर पहाड़ में जीवन यापन करने वाली महिलाओं ने हिस्सा लिया उन्होंने बताया इस सफलता के पीछे उनके पति सुनील जोशी व उनके परिवार का हाथ रहा जिन्होंने इस प्रतियोगिता में हिस्सा लेने के साथ ही इस मुकाम तक पहुंचने में अपनी भूमिका निभाई।

उनकी सफलता से परिवार में गदगद दिखा, उनके पति सुनील जोशी ने कहा कि इस तरह की प्रतियोगिताओं से महिलाओं को एक ऊर्जा मिलती है और महिलाएं अपने अंदर छुपी प्रतिभा को समाज के सामने लाने का प्रयास करती है उन्होंने इस तरह की प्रतियोगिता करवाने के लिए आयोजकों के धन्यवाद भी अदा किया।

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