राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा ने आज पूरे प्रदेश भर में मनाया काला दिवस

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रिपोर्ट/मुकेश बछेती

देहरादून(पहाड़ ख़बरसार)राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा उत्तराखंड के द्वारा आज एक अक्टूबर को पूरे प्रदेश में अधिकारी शिक्षक कर्मचारियों ने काला दिवस मनाया गया। जिसमें सभी अधिकारी शिक्षक कर्मचारियों ने अपनी बांहों पर काली पट्टियां बांधी गई व काली टोपी व काले कपड़े पहन कर एन पी एस का विरोध किया गया है।


राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा लगातार ओ पी एस बहाली के लिए कई वर्षों से आन्दोलनरत है और एन पी एस का विरोध कर रहा है। पौड़ी में मोर्चा के तहसील सयोजक डी. एस रावत वव पौड़ी नगर शाखा अध्यक्ष प्रवीण ने संयुक्त वयान जारी कर कहा कि यह विरोध तब तक जारी रहेगा जबतक सरकार ओपीएस बहाल नहीं करती है। आज के इस दिवस को काला दिवस इस लिए मनाया जाता है क्योंकि कि आज के ही दिन सरकार ने एन पी एस योजना को पूरे देश में लागू किया था और ओ पी एस योजना को बंद कर दिया गया था। इसलिए यह दिवस हमारे कर्मचारियों के साथ हुए धोके के लिए काला दिवस है।हमारे संगठन द्वारा सड़क से लेकर संसद तक आन्दोलन किए गए हैं परन्तु भारत सरकार ने हमारे कर्मचारियों के साथ धोका करके एन पी एस की जगह यू पी एस योजना को लागू करने का निर्णय लिया है जिसका भी हम विरोध करते हैं क्योंकि कि इस योजना में कर्मचारियों का दस प्रतिशत अंशदान काटा जा रहा है और उसके वापसी का कोई प्रावधान नहीं है जिससे कर्मचारियों को लाखों रुपए का नुक़सान होगा। हमारी मांग ओ पी एस बहाली की है। उन्होंने कहा कि आज पौड़ी क्षेत्र के सभी कार्यालयों विद्यालयों में सभी कर्मचारियों ने काला दिवस मनाया है शिक्षक कर्मचारीयो ने सोसल मीडिया के माध्यम से भी एन पी एस का विरोध किया है सभी लोगों द्वारा अपनी फेसबुक आई डी और ट्विटर ह्वटस अप आई डी सभी पर एक अक्टूबर काला दिवस का पोस्टर लगाया गया है। जो कि हमारी सरकार से इस बात का प्रतीक है कि हम एन पी एस का विरोध करते हैं।और भारी संख्या में लोगों ने इस दिवस पर राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली सयुंक्त मोर्चा को अपना समर्थन दिया है।
नोप्रुफ के पौड़ी से जयदीप रावत कहा कि सांसद विधायक मंत्री ओ पी एस योजना से आच्छादित हैं और कर्मचारियों के लिए सरकार तीन प्रकार की पेंशन योजना चला रही है क्या यह इस देश के एक संविधान एक विधान के विपरीत नहीं है क्या। जो व्यक्ति एक दिन का भी सांसद विधायक बन जाता है उसे पेंशन दी जाती है और वह जितनी बार विधायक सांसद बनता है उसे उतनी बार पेंशन दी जाती है। जबकि अधिकारी शिक्षक कर्मचारी अपने जीवन काल में साठ साल की उम्र तक नौकरी करता है और उसे पेंशन नहीं दी जा रही है तो ऐसा दोहरा मापदंड ठीक नहीं है।हम इसका विरोध करते हैं व सरकार से पुरानी पेंशन बहाली की मांग करतें हैं।
एन पी एस से जो हमारे कर्मचारी आज सेवानिवृत्त हो रहे हैं उन्हें मात्र सात सौ,बारह सौ सोलह सौ, पेंशन दी जा रही है जो उनके साथ भद्दा मजाक है और उनके साथ अन्याय है हमारी लड़ाई अन्याय के खिलाफ है।
राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा के पदाधिकारियों ने कहा कि जो भी सरकार हमारी मांग को पूरा करेगी हम हमेशा उसके साथ खड़े रहेंगे।
आज के सफल कार्यक्रम के लिए मोर्चा के पदाधिकारियों ने सभी अधिकारियों शिक्षकों कर्मचारियों का आभार व्यक्त किया है और आगे भी पेंशन बहाली की लड़ाई में सभी से ऐसे ही सहयोग और समर्थन की आशा की गई है।
जसपाल सिंह गुसांई प्रांतीय सह संयोजक सह प्रभारी उत्तराखंड।
कार्यकम मे रश्मि कठेत, कविता, दीपक नेगी, धर्मेंद्र उनियाल, रेवती ढंगवाल, संजय नेगी, मनोज काला, संग्राम नेगी, जसपाल रावत, दीपक कांत,नरेंद्र नेगी आदि ने सहयोग किया.

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