रिपोर्ट/मुकेश बछेती
पाबौ(पहाड़ खबरसार)बीते बुधवार को आई आपदा का असर अब स्पष्ट रूप से दिखाई देने लगा है। जगह-जगह मार्ग बाधित होने से ग्रामीणों की आवागमन व्यवस्था पूरी तरह से ठप हो गई है। विशेषकर कुई–बरसुड़ी मार्ग पूरी तरह से बह जाने के कारण क्षेत्र के लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। मार्ग के टूट जाने से न तो पैदल आवाजाही संभव थी और न ही किसी प्रकार का वाहन आवागमन।
सरकारी विभागों की ओर से तत्काल मदद न पहुँच पाने की स्थिति में ग्रामीणों ने स्वयं आगे आकर श्रमदान की मिसाल पेश की। आपसी सहयोग और मेहनत के बल पर ग्रामीणों ने मार्ग को पैदल एवं दोपहिया वाहनों के लिए सुचारू कर दिया, जिससे पाँच गाँवों की आवाजाही पुनः शुरू हो सकी। इस सामूहिक प्रयास में प्रेम सिंह रावत, नीरज सिंह, साहिल भंडारी, दिगम्बर सिंह, विनपीं भंडारी और गोपाल दीपक भंडारी सहित अन्य ग्रामीणों ने सक्रिय भूमिका निभाई।
ग्रामीणों का कहना है कि आपदा के समय सरकारी इंतज़ार करने से बेहतर है कि हम खुद एकजुट होकर समस्या का समाधान करें। इस श्रमदान से न केवल मार्ग खुला, बल्कि गाँवों के बीच आपसी भाईचारा और सहयोग की भावना भी और मजबूत हुई। अब ग्रामीणों को उम्मीद है कि प्रशासन शीघ्र स्थायी रूप से सड़क की मरम्मत कर स्थायी समाधान उपलब्ध कराएगा, ताकि भविष्य में ऐसी परेशानी का सामना न करना पड़े।