रिपोर्ट/मुकेश बछेती
पाबौ//
6 अगस्त को हुई भारी बारिश से जनपद पौड़ी का पाबौ ब्लॉक सबसे अधिक प्रभावित हुआ है। अकेले इस ब्लॉक में 1000 से अधिक योजनाएं आपदा की भेंट चढ़ गईं, जिनमें पेयजल, बिजली, आवास और मनरेगा जैसी महत्वपूर्ण योजनाएं शामिल हैं। प्रारंभिक आकलन के अनुसार, नुकसान लगभग 90 करोड़ रुपये से अधिक का है, जो आगे और बढ़ सकता है।
आपदा से पाबौ ब्लॉक के एक दर्जन से अधिक घर पूरी तरह ध्वस्त हो गए, जबकि तीन दर्जन से अधिक आवासीय भवनों में दरारें आने से उनका रहना असुरक्षित हो गया है। साथ ही कई गौशालाएं भी जमींदोज हो गईं। ब्लॉक की 39 पेयजल योजनाएं पूरी तरह से प्रभावित हैं, जिनके लिए फिलहाल वैकल्पिक व्यवस्था से आपूर्ति की जा रही है।
खेती-बाड़ी भी इस आपदा से अछूती नहीं रही। करीब 72 हेक्टेयर कृषि भूमि तबाह हो गई, एक अमृत सरोवर पूरी तरह नष्ट हो गया और 1500 से अधिक फलदार पौधे बर्बाद हो गए।
पशुधन और जनहानि भी गंभीर रही—इस आपदा में दो महिलाओं की मौत हुई, जबकि दो दर्जन से अधिक मवेशी मारे गए। इतना ही नहीं, करीब एक दर्जन स्कूल भी खतरे की जद में आ गए हैं।
खंड विकास अधिकारी पाबौ धूमसिंह ने बताया कि आपदा में सबसे अधिक नुकसान सेंजी व बुरांशी गांव में हुआ है। उन्होंने कहा कि अब तक 100 से अधिक प्रभावित परिवारों को प्रशासन द्वारा मुआवजा दिया जा चुका है, जबकि मृत मवेशियों का मुआवजा भी जल्द उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि अधिकांश टूटी हुई योजनाओं और संपर्क मार्गों को मनरेगा योजना के तहत दुरुस्त करने का कार्य शुरू कर दिया गया है। वर्तमान में दो ग्रामीण सड़कों को छोड़कर सभी गांवों से संपर्क व्यवस्था बहाल कर दी गई है।
प्रशासन का कहना है कि राहत और पुनर्वास कार्य तेजी से जारी हैं। प्रभावित परिवारों को मुआवजे के साथ-साथ राशन किट भी लगातार उपलब्ध कराई जा रही हैं, ताकि उनके जीवन को सामान्य दिशा में लाया जा सके।
जिला पंचायत सदस्य भरत रावत ने कहा कि 6 अगस्त को आई आपदा से सबसे अधिक नुकसान पाबौ ब्लॉक में हुआ है। उन्होंने बताया कि वे लगातार प्रशासन से आपदा पीड़ित परिवारों को त्वरित राहत उपलब्ध कराने का आग्रह कर रहे हैं, ताकि प्रभावित परिवारों की पीड़ा कुछ हद तक कम हो सके और वे जल्द सामान्य जीवन की ओर लौट सकें।
ब्लॉक प्रमुख पाबौ लता रावत ने कहा कि उन्होंने लगभग सभी आपदा ग्रस्त क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण किया है। इस दौरान उन्होंने ब्लॉक प्रशासन और जिला प्रशासन को निर्देशित किया है कि पीड़ित परिवारों को हर संभव सहायता तत्काल उपलब्ध कराई जाए। उन्होंने कहा कि जब तक प्रभावित परिवारों का जीवन पुनः स्थापित नहीं हो जाता, तब तक उनके लिए निरंतर कार्य किया जाएगा और किसी भी तरह की कमी नहीं रहने दी जाएगी।