रिपोर्ट/मुकेश बछेती
पौड़ी(पहाड़ ख़बरसार) महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग के कार्याे की समीक्षा को लेकर जिलाधिकारी डॉ आशीष चौहान ने जिला कार्यालय सभागार में सम्बन्धित विभाग के अधिकरियों की बैठक ली। जिलाधिकारी ने जनपद में दर्ज कुपोषित बच्चों को कुपोषण से बाहर निकालने व एनिमियां से ग्रस्त गर्भवती महिलाओं में ब्लड की कमी को दूर करने के लिए विभाग को युद्ध स्तर पर कार्य करने के नर्देश दिये हैं।
मंगलवार को आयोजित महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग की समीक्षा बैठक में जिलाधिकारी ने जनपद में पंजीकृत 145 कुपोषित व 51 अति कुपोषित बच्चों को कुपोषण से बाहर निकालने के लिए मिशन-200 चलाने के निर्देश दिये है। उन्होने एनिमिया से ग्रस्त चिन्हित 08 महिलाओं महिलाओं को पोषण अभियान के प्रभावी क्रियान्वयन से लाभान्वित कर एनिमियां दूर करने के निर्देश दिये हैं। जनपद को कुपोषण मुक्त करने के लिए ब्लॉक स्तरीय बाल विकास परियोजना अधिकारियों को कुपोषित बच्चों व एनिमिक महिलाओं की देखभाल अपने बच्चों की तरह करनी होगी, कहा कि यही विभाग व अधिकारियों का मूल उद्देश्य होना चाहिए। जिलाधिकारी ने कहा कि डीबीटी की तर्ज पर पोषण अभियान का लाथ सीधे पात्र लाभार्थी तक पंहुचाने पर ही मिशन-200 को सफलता मिलेगी। जनपद के विकासखण्ड थलीसैंण व बीरौंखाल में सर्वाधिक कुपोषित बच्चें पंजीकृत है, जिसमें थलीसैंण के 44 तथा बीरौंखाल कें 28 बच्चें शामिल है। पीपीटी में दिखाये गये आंकडों में स्पष्टता न होने पर जिलाधिकारी ने डीपीओ को फटकार लगाते हुए आंकडों को दुरुस्त करने के निर्देश दिये हैं।
बैठक में जिला कार्यक्रम अधिकारी जितेन्द्र कुमार ने बताया कि जनपद में वर्तमान में छः माह से तीन वर्ष तक के 21718 बच्चों, तीन से छः वर्ष के 15781 बच्चों सहित 3149 गर्भवती व 4543 धात्री महिलाओं के पोषण को लेकर आंगनबाड़ी कार्यकर्तियों के माध्यम से नियमित निगरानी की जा रही है। उन्होने बताया कि जनपद के 1853 आंगनबाड़ी केन्द्रों में से लगभग 300 के आस-पास आंगनबाड़ी केन्द्र ऐसे है जहां पर बच्चों के पंजीकरण की संख्या शून्य हैं। उन्होने बताया कि वित्तीय वर्श 2022-23 के आंकड़ों के अनुसार प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के 1820 लाभार्थी, नन्दा गौरा योजना के अन्तर्गत 3287 आवदेन प्राप्त हुए हैं। जबकि स्पॉन्सरशिप योजना के 42, विधवा पेंशना योजना के 15394 व परित्यकता पेंशन योजना के 229 लाभार्थियों को योजनाओं लाभ दिया जा रहा है।
उन्होने बताया कि जनपद क्षेत्रांतर्गत श्रीनगर व कोटद्वार में महिला छात्रावास के प्रस्ताव शासन को भेजे गये है, जबकि कोटद्वार में महिला नशा मुक्ति केन्द्र की स्थापना के लिए आंगणन तैयार किया जा रहा है। वात्सल्य सदन हेतु ग्राम च्वींचा में भवन को चयनित किया जा चुका है जबकि शेल्टर होम फॉर चिल्ड्रन के लिए एसडीएम कोटद्वार व नगर आयुक्त कोटद्वार द्वारा भूमि चिन्हित करने की कार्यवाही गतिमान है।
बैठक में सीडीपीओ महबूब खान, केन्द्र प्रशासिका वन स्टॉप सेन्टर लक्ष्मी रावत, ब्लाक स्तरीय बाल विकास परियोजना अधिकारी मंजू डबराल, चंद्रकांता काला, प्रीति अरोड़ा, अंजू चमोली, हेमंती रावत आदि उपस्थित थे।