रिपोर्ट/रीमा नेगी
पौड़ी(पहाड़ ख़बरसार)सीएम पुष्कर सिंह धामी की सुरक्षा में तैनात पौड़ी निवासी जवान प्रमोद रावत की मौत के बाद क्षेत्र में शोक की लहर है। प्रमोद रावत मूल रुप से कल्जीखाल ब्लाक के अगरोड़ा गांव का रहने वाले थे। ग्रामीण हेमंत बिष्ठ ने बताया कि प्रमोद के घर में उसकी माता और पिता ही रहते हैं। पिता मातबर सिंह सेना से सेवानिवृत्त हैं। साथ ही उनकी अगरोड़ा बाजार में कपड़े की दुकान है। प्रमोद 4 बहनो समेत 5 बहन-भाई हैं। ग्रामीण हेमंत बिष्ट ने बताया कि वह कुछ महीने पहले ही गांव आया था। जिसके बाद वह बच्चों को पढ़ाने के लिए देहरादून ले गया। प्रमोद के घर पर इसी माह की 25 जून से श्री मदभागवत कथा आयोजित की जानी थी। घटना की सूचना मिलने पर प्रमोद के पिता मातबर सिंह, ग्राम प्रधान सहित कुछ अन्य ग्रामीण देहरादून को रवाना हो गए थे। उन्होंने बताया कि प्रमोद 4 बहनों में इकलौता भाई था। ग्रामीणों का कहना है कि प्रमोद खुशमिजाज युवक था जो गांव में आकर सभी से घुल मिलकर रहता था। वहीं ग्रामीण हेमंत बिष्ट ने संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस प्रशासन द्वारा क्यों जल्दबाजी में इस पूरे घटनाक्रम को आत्महत्या का रूप दिया जा रहा है उन्होंने कहा कि वे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मांग करते हैं कि मुख्यमंत्री प्रमोद रावत की मृत्यु की जांच रिटायर जज की अध्यक्षता में कराएं। जिससे इस घटना का खुलासा हो सकेगा। उन्हें साफ किया गया है कि अगर इस घटना की निष्पक्ष जांच मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा नहीं करवाई जाती है तो वह आगामी दिनों में वे क्षेत्र के लोगों के साथ मिलकर जिलाधिकारी कार्यालय का घेराव करेंगे। जिसकी जिम्मेदारी सरकार व प्रशासन की होगी।