रिपोर्ट/मुकेश बछेती
देहरादून(पहाड़ ख़बरसार)पदोंत्तियो में लगी रोक हटाने की ली थी जिमेदारी
दीपक जोशी के नेतृत्व में उत्तराखंड जनरल ओबीसी कर्मचारी एसोसिएशन के द्वारा लंबी अवधि से पदोन्नति में आरक्षण की व्यवस्था के विरुद्ध उत्तराखंड शासन से लोहा लेते हुए शासन द्वारा की गई हीला हवाली के कारण विषय की गंभीरता को स्वीकारते हुए शासन स्तर की लड़ाई से आगे बढ़कर पदोन्नति में आरक्षण को ही नहीं अपितु नियुक्ति के प्रथम पद को आरक्षित करने की व्यवस्था के विरुद्ध संघ की ओर से माननीय उच्च न्यायालय में चुनौती देते हुए रिट याचिका आयोजित की गई जिस पर माननीय उच्च न्यायालय ने संघ की ओर से उठाए गए विधिक बिंदुओं को तर्कसंगत मानते हुए रिट याचिका को सुनवाई हेतु ग्रहित कर उत्तराखंड शासन से इस पर सम्यक उत्तर देने हेतु आदेश पारित किया है और प्रथम पद को आरक्षण से मुक्त करने हेतु दायर याचिका को निस्तारित करने हेतु स्वीकार किया है इतना ही नहीं दीपक जोशी अध्यक्ष उत्तराखंड जनरल ओबीसी एसोसिएशन के नेतृत्व के दौरान ही पदोन्नति में आरक्षण की व्यवस्था की लड़ाई को पहले प्रदेश स्तर पर माननीय उच्च न्यायालय से भी जीत दर्ज की गई है अंततोगत्वा मामले में माननीय उच्चतम न्यायालय में राष्ट्र स्तर पर जीत दर्ज करते हुए पदोन्नति में आरक्षण को उत्तराखंड प्रदेश स्तर पर सफलता प्राप्त की गई जो कि एक ऐतिहासिक जीत व मिसाल है इतना ही नहीं वर्तमान में माननीय उच्च न्यायालय में उत्तराखंड अनुसूचित जाति जनजाति जनजाति जन कल्याण समिति की ओर से पुनः पदोन्नति में आरक्षण के संबंध में योजित याचिका जिसमें इस संघ ने जानबूझकर उत्तराखंड जनरल ओबीसी एसोसिएशन को पक्षकार नहीं बनाए जाने के बावजूद उस योजित याचिका में भी जनरल ओबीसी की ओर से याचिका के विरोध में याचिका को निरस्त करने हेतु कार्यवाही गतिमान की गई है इस प्रकार जनरल ओबीसी के अध्यक्ष दीपक जोशी के नेतृत्व में जनरल ओबीसी के अधिकारों की लड़ाई प्रभावशाली ढंग से विगत 5 वर्षों से लड़ी जा रही है जिसमें आशातीत सफलता मिल रही है इन सभी सफलताओं में दीपक जोशी का प्रभावशाली नेताओं की सराहनीय भूमिका है