ब्रेकिंग/गूगल मीट में राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा ने 13 मार्च को विधानसभा कूच की तय की रणनीति

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रिपोर्ट/मुकेश बछेती

देहरादून(पहाड़ ख़बरसार)राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा उत्तराखंड के आगामी गैरसैण {भराड़ीसैंण) विधानसभा सत्र के पहले दिन पुरानी पेंशन की मांग को लेकर विधानसभा कूच करेगा। इस संबंध में राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा की गढ़वाल एवं कुमाऊँ मंडल के पदाधिकारियों की एक गूगल बैठक हुई है। जिसमें 13 मार्च को विधानसभा कूच की रणनीति तय की गई एवं प्रभारियों को नियुक्त किया गया। विधानसभा कूच के लिए हजारों की संख्या में प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों से कर्मचारी अधिकारी एवं शिक्षक 13 मार्च को गैरसैण पहुंचेंगे। बैठक में वक्ताओं ने कहा कि कर्मचारी इस प्रकार के आंदोलनों या बिरोध के पक्ष में नहीं है। लेकिन सरकार द्वारा लगातार कर्मचारियों की एकमात्र मांग पुरानी पेंशन बहाली के लिए न तो कोई ठोस कदम उठाया जा रहा है और न ही कोई सकारात्मक आश्वासन दिया जा रहा है। कर्मचारी हमेशा प्रदेश के विकास में अपना सर्वस्व देना चाहता है लेकिन मजबूरन कर्मचारियों को अपनी इस मांग के लिए विधानसभा कूच जैसे कड़े निर्णय लेनेकदम पड़ रहे हैं। बैठक मे वक्ताओं ने कहा कि पेंशन हमारा हक है कोई भीख नहीं है। जब देश के कई राज्यों में कर्मचारियों को पुरानी पेंशन का लाभ दिया जा रहा है तो उत्तराखंड जैसे छोटे एवं समृद्ध राज्य में कर्मचारियों को इससे क्यों वंचित रखा जा रहा है। एक तरफ सरकार पुरानी पेंशन देने पर दिवालिया होने की बात कर रही है वहीं दूसरी ओर 1 दिन के विधायक या सांसद को पुरानी पेंशन का लाभ दिया जा रहा है एवं उन्हें तमाम सुविधाएं देते हुए करोड़ों खर्च किए जा रहे हैं। जबकि कर्मचारी 30 से 35 वर्षों तक सरकारी सेवा करते हुए समाज, प्रदेश एवं देश के विकास में अपना जीवन लगा देता है और बुढ़ापे में जबकि उसे पैसे की बहुत आवश्यकता होती है, बिना पेंशन के या मात्र हजार या ₹2000 की पेंशन देकर सेवानिवृत्त किया जा रहा है। जो की बहुत ही दयनीय एवं शर्मसार करने वाली स्थिति है। 60 वर्ष के बाद ही व्यक्ति को कई जिम्मेदारियों को निभाना एवं बीमारियों का सामना करना पड़ता है। ऐसी स्थिति में उसके पास अपने इन दायित्वों एवं बीमारियों के इलाज के लिए पैसा नहीं होता है। वहीं समाज एवं परिवार में भी उसे हीन भावना का सामना करना पड़ता है। बैठक में इस बात का भी निर्णय लिया गया कि जब तक पुरानी पेंशन बहाल नहीं होती राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा इसी तरह प्रदर्शन एवं आंदोलन करता रहेगा। इसी क्रम में मोर्चा 1 मई को मजदूर दिवस के अवसर पर संसद तक भी मार्च करेगा और केंद्र सरकार को भी इस बात का एहसास दिलाएगा कि कर्मचारी अब पुरानी पेंशन लेकर ही दम लेंगे। जबकि केंद्र सरकार लगातार नई पेंशन योजना के लाभ गिना रही है तथा पुरानी पेंशन बहाल करने पर देश में आर्थिक संकट उत्पन्न होने की बात कह रही है। जबकि कर्मचारियों का पैसा बाजार में कहां लगाया जा रहा है उसकी स्थिति क्या है तथा सेवानिवृत्ति पर उसे कितना पैसा मिलेगा इसका कोई भी जवाब नहीं दिया जा रहा है इसलिए कर्मचारी बहुत आक्रोशित है। अब कर्मचारी आर पार की लड़ाई के लिए तैयार हैं।





गूगल बैठक में प्रदेश महासचिव सीताराम पोखरियाल, प्रदेश प्रभारी विक्रम सिंह रावत, गढ़वाल मंडल अध्यक्ष पूरन सिंह फर्स्वाण, महासचिव नरेश कुमार भट्ट, राजीव उनियाल, अशोक कुमार, अनसूया जुगराण, बृजमोहन रावत, दीप जोशी, हिमांशु, ज्योति नौटियाल, मसंत सिंह, प्रदीप नेगी, शीतल शाह, वीर सिंह, ऋषि सिंह, मंजू पुरोहित, लक्ष्मी नेगी, रणवीर सिंह सिन्धवाल, सतीश कुमार, सतीश चौधरी, अंजू शर्मा रश्मि गौड़ अवधेश कुमार, अजीत नेगी, बबीता रानी, सुभाष देवलियाल अनूप पुजारी, मोहन राठौर आदि थे।

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